The best Side of Shodashi
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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥
कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं
॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
Worshippers of Shodashi look for not merely materials prosperity and also spiritual liberation. Her grace is alleged to bestow the two worldly pleasures along with the means to transcend them.
सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥
प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥
She may be the in the shape of Tri power of evolution, grooming and destruction. Total universe is changing below her electric power and destroys in cataclysm and yet again get rebirth (Shodashi Mahavidya). By accomplishment of her I acquired this place and for this reason adoration of her is the greatest just one.
Worshipping Goddess Shodashi is not simply about seeking material Rewards but also with regard to the inner transformation and realization with the self.
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
प्रणमामि महादेवीं मातृकां परमेश्वरीम् ।
The worship of Tripura Sundari can be a journey toward self-realization, wherever her divine magnificence serves to be a beacon, guiding devotees to the final word reality.
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari click here hriday stotram